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मे डॉ. अरविंद तुळशिरामजी मेहरे, आयुर्वेदिक बाल विशेषज्ञ, न्यूरो और विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ. आज आत्मकेंद्रित और उपवर आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बात करेंगे |

आत्मकेंद्रित ऐ एक आनुवंशिक, विषमलैंगिक और विकास संबंधी विकार है। आत्मकेंद्रित ये एक तरहकी विकलांगता है | आत्मकेंद्रित पीड़ित बच्चों की
शारिरिक विकास सर्वसामान्य बच्चो की समान होता है। परंतु भावनीक और बौद्धिक विकास सामान्य नहीं होता |

आत्मकेंद्रित पिडीत बच्चों को बातचित करणे मे, पढणे मे, लिखणे में, समाज मे, मेलजोल करणे में, अन्य बच्चों के साथ मिला  होने में, अपनी भावना व्यक्त करने में परेशानिया आती है, खुशी । आत्मकेंद्रित एक ऐसी स्थिति है जिसमे पिडीत बच्चों का दिमाग अन्य सामान्य बच्चों के दिमाग की तुलना अलग तरीके से काम करता है। आत्मकेंद्रित पिडित बच्चे एक दुसरेसे अलग होते हैं, आत्मकेंद्रित के हर बच्चे में अलग-अलग लक्षण होते हैं|

इस बिमारी के लक्षण आमतौर पर १२ से १८ महिने की आयु मे दिखते हैं। जो सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं। जैसा की बताया है. इन बच्चों की शारिरिक विकास सामान्य होती है | परंतु भावनीक और बौद्धिक विकास सामान्य नहीं होता इस कारण मातापिता को लगता है की अभी तो ये छोटा है जैसे जैसे बडा होगा , वैसे सामान्य हो जायेगा, आजूबाजूवाले अलग अलग सल्लाह देते है | इसके पापा / ममा लेट बोली थी, या. उनमेभी सारी बातें लेट हुई थी तो ये भी जैसा बड़ा होगा वैसे सामान्य हो जायेंगे.

ऐसा सोचते है इस कारण आत्मकेंद्रित की स्थिती मातापिता को लेट समज में आती है। फिर ध्यान में आने के बाद जब किसी विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ के पास जाते है |और उसका आत्मकेंद्रित का निदान होता है तो मातापिता गहरे सदमे में जाते हे | उसका कारण भी ऐसा है की उन्हें बताया जाता है की आत्मकेंद्रित ये कभी भी अच्छा नहीं होनवाली बिमारी है इसपे कोई भी इलाज नहीं है और उन्हें बताया जाता है की इसपर आप भाषण चिकित्सा, ०७ , व्यवहार चिकित्सा इतना ही जारी रखो |

लेकीन ये सालो- साल चलता करने के बाद भी उन बच्चों में कोई जादा सुधार या बदलाव नहीं पाया जाता है। उनकी स्थिती जैकी की वैसी ही दिखाई दिखती है, और जैसे बच्चो की आयु बढ़ती है वैसे उनकी स्थिती गंभीर हो जाती है। इस कारण मातपिता पुरितरह निराश हो जाते है और फिर छोड देते हैं |

आत्मकेंद्रित की समस्या संपूर्ण दुनिया में बच्चों की बिमारी का एक बड़ा कारण सामने आया है. अभी अपने भारत मे भी इसके रुग्ण बहुत बड़ी तादात में पाये जा रहे हैं।आत्मकेंद्रित पे सारी दुनिया में बहुत बड़ी प्रमाण में संशोधन हुआ है और हो रहा है परंतु इसमे कोई बड़ी सफलता नहीं मिली हे | इसके कारण आत्मकेंद्रित कभी अच्छा नहीं हो सकता है ऐसा समज सभी जनमानस में है |

हमारे श्री विश्वदत्त आयुर्वेद बाल स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में आयुर्वेदिक संशोधित ऐसी अनुभवसिन्ध यशस्वी चिकित्सा पद्धति विकास की है जिसके द्वारा आत्मकेंद्रित के जो लक्षण हे उसे अच्छा करने में मदत होती हे | आत्मकेंद्रित में मस्तिष्क की मज्जाधातु (मज्जारज्जु) स्तिथी में जो बिघाड हुआ हे उसको सामान्य करने में आयुर्वेदि चिकित्सा का उपयोग होता है |

आयुर्वेद के अनुसार ऐसी दवाईया उपयोग करके शरीर में नई उत्पत्ती करणे मे मदत मिलती है है की ऐसी दवाईयोंका उपयोग आत्मकेंद्रित में किया जाता है, जिससे उनमे बदलाव होने में मदद मिलती है।

इसके लिये संशोधित आयुर्वेदिक औषधी कायाकल्प चिकित्सा, प्लांट स्टीम सेल थेरेपी , पंचकर्मा लोपोपचार इस चिकित्सा पद्धतिसे आत्मकेंद्रित की स्तिथी में बदलाव कर सकते है और बच्चों के कम करने में मदत मिलती हे | सामान्य ज़िंदगी जीने में मदत होती है।

इसके उपयोग से आजतक हजारों बच्चो को सामान्य मानव करने में हमको सफलता प्राप्त हुई है, उन्हें स्वास्थ् जीवन प्रधान किया है और ये जटील कभी न अच्छी होनेवाली बीमारिया अच्छी हो सकती है इसका विश्वास जनसामान्य मै निर्माण करनेम मे यश प्राप्त किया है | और इसकेद्वारा हजारो मातापिता को सुकुन की जींदगी प्रधान करने मे हमे सफलता मिली है।

इसके उपचार के लिये हमारे सेंटर में सिर्फ भारतभर सें ही नही तो सारी दुनिया में से भी बढ़े पैमाने रुग्न आते है | जेसे यु. एस , यु.के , ऑस्ट्रेलिया , दुबई , जर्मनी , जपान , साऊथ कोरिया , सर्बिया तेरळचय , कॅनडा , फ्रान्स इन देशोमेसे रुग्ण आते हैं। इन रुग्णो के लिये हमने खास ऑनलाइन परामर्श रखा है और ऑनलाइन परामर्श होने के बाद कुरियर व्दारा उनकी दवा भेजी जाती है।

इस बिमारी के लिय हमारा मोटीव्ह है की बच्चों को स्वतंत्र करना , सामाजिक करणा , सामान्य स्कूल मी जाणा  , सामान्य मनुष्य करना है |

इसके बारे में और जानकारी के लिये आप हमारा यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब और लाइक करो आप इसमें आहार, विहार, मानसिक आहार, पालन-पोषण कैसे करना हे इसके बारे में जान सकते हो आप हमारी दिये हुई नंबर पे कॉल कर सकते है, और हमारी शाखाओ आ सकते हो |
धन्यवाद.

# मेरी सभी माता पिता को ननम्र विनंती है। जब भी आपको ऐसी बीमारीओंका सामना करणा पड़ता है तब आप संशोधित आयुर्वेदिक चिकित्साओं का
जरूर उपयोग करिये आपको बदलाव मिलेगा |